आल इण्डिया महापद्मनंद कम्युनिटी एजुकेटेड एसोसिएशन बुद्धवादी विचारधारा की समर्थक है एवं इसे मानती है। बुद्धवादी विचारधारा समता, ममता, करुणा मैत्री पर आधारित तार्किक एवं वैज्ञानिक विचारधारा है। इसमें ऊँच-नीच, भेद-भाव, छुआछूत, क्रमिक गैर बराबरी के लिये कोई जगह नही है। इस विचारधारा को अपनाकर एवं इस पर चलकर ही समाज की प्रगति हो सकती है ऐसा संगठन का दृढ़ विश्वास है। तथागत बुद्ध के संदेश ‘‘अत्त दीपो भव’’ अर्थात अपना दीपक स्वयं बनो को मानती है जिसमें तथागत बुद्ध ने कहा था कि किसी भी बात को इसलिये न मानो कि यह धर्मग्रन्थों में लिखा है, इसलिये भी न मानो कि यह परम्परा से चली आ रही है और इसलिये भी न मानों कि इसे ऋषि-मुनियों ने कहा है। आगे वो कहते है कि मैं भी कहूँ तो न मान लो कि इसे बुद्ध ने कहा है। इसे आप अपनी बुद्धि, तर्क व अनुभव पर कसो और देखो, महसूस करो कि यह कुशल कर्म है। यह आपके और समाज के लिये हितकर है तभी इसे मानो व इस पर अमल करो अर्थात जानो तब मानो।

बुद्ध वन्दना

त्रिशरण – नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स
नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स
नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स
बन्दना – बुद्धं सरणं गच्छामि
धम्मं सरणं गच्छामि
संघं सरणं गच्छामि।
दुतियम्पि– बुद्धं सरणं गच्छामि
दुतियम्पि– धम्मं सरणं गच्छामि
दुतियम्पि– संघं सरणं गच्छामि।
ततियम्पि– बुद्धं सरणं गच्छामि
ततियम्पि– धम्मं सरणं गच्छामि
ततियम्पि– संघं सरणं गच्छामि।
पंचशील– पाणातिपाता वे रमणी सिक्खा पदं समादियामि
अदिन्नदाना वे रमणी सिक्खा पदं समादियामि
कामेसुमिच्छाचारा वे रमणी सिक्खा पदं समादियामि
मूसावादा वे रमणी सिक्खा पदं समादियामि
सुरामेरयमज्ज पमादिट््ठाना वे रमणी सिक्खा पदं समादियामि
साधु साधु साधु


भावार्थ-
त्रिसरण – उन भगवान अर्हत सम्यक सम्बुद्ध को नमस्कार है।
बन्दना – मैं बुद्ध (अपनी बुद्धि/तर्क) की शरण में जाता हूँ।
मैं धम्म (सदमार्ग) की शरण में जाता हूँ।
मैं इस हेतु निर्मित संघ की शरण में जाता हूँ।
पंचशील- मैं प्राणी हिंसा से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ
मैं चोरी से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ
मैं व्याभिचार (मिथ्याचरण) से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ
मैं असत्य भाषण (झूठ) से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ
मैं व्यसनों (शराब/नशीले पदार्थ) से विरत रहने की शिक्षा ग्रहण करता हूँ

साधु साधु साधु

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